मुंबई, 25 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। उत्तर भारत के कई राज्यों में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजस्थान में जयपुर और सीकर समेत कई जिलों में पानी भर गया है। सीकर रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पूरी तरह जलमग्न हो गया, वहीं उदयपुर में घर और दुकानें बाढ़ के पानी में डूब गईं। जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर 23 अगस्त से पानी भरा हुआ है और खेरवाड़ा-झाड़ोल मार्ग पर सोम नदी का पानी आ जाने से यातायात बंद कर दिया गया है। सवाई माधोपुर में बारिश के बाद करीब 50 फीट जमीन धंसने की घटना सामने आई है। उत्तर प्रदेश में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। चंदौली में घाघरा नदी पर बना मुसाहिबपुर बांध टूट गया, जिसके चलते पांच गांवों में पानी घुस गया। फर्रुखाबाद का भुड़िया भेड़ा गांव गंगा की बाढ़ से पूरी तरह टापू बन गया है और यहां लोग नावों से आ-जा रहे हैं। उत्तराखंड में बाणस के पास यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क बंद हो गई और यातायात बाधित हो गया। वहीं बिहार की राजधानी पटना में सोमवार सुबह मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया। झारखंड में लगातार बारिश के चलते नालंदा की नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
वाराणसी में लगातार दूसरे दिन बारिश हुई। शाम को अंधेरा छा जाने के कारण लोगों को वाहनों की हेडलाइट जलानी पड़ी। बारिश से तापमान गिरकर 31 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। इसी बीच प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा और चौथी बार लेटे हनुमान मंदिर का गर्भगृह पूरी तरह डूब गया। इससे पहले जुलाई में तीन बार गंगा का पानी गर्भगृह तक पहुंचा था। यहां नदियों का जलस्तर लगातार खतरे के निशान के करीब है। जम्मू में रविवार को अगस्त महीने की 99 साल की बारिश का रिकॉर्ड टूटा। मौसम विभाग के अनुसार जम्मू संभाग में 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो अगस्त में अब तक की दूसरी सबसे बड़ी बारिश है। इससे पहले 1926 में 228.6 मिमी और 2022 में 189.6 मिमी बारिश दर्ज हुई थी। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से इस सीजन में अब तक 303 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां 625 सड़कें बंद हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं। 1,500 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर खराब हो गए हैं और 162 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।