मुंबई, 25 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को दो अहम एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए। पहले आदेश में कैशलेस बेल की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया, जिसके तहत बिना पैसे जमा किए आरोपियों को जमानत दी जाती थी। दूसरे आदेश में अमेरिकी झंडा जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान जोड़ा गया है। ट्रम्प के आदेश के अनुसार, जो लोग अमेरिकी झंडा जलाएंगे उन्हें जेल भेजा जाएगा और अगर वे विदेशी नागरिक पाए गए तो उन्हें अमेरिका से बाहर कर दिया जाएगा। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 1989 के उस आदेश को चुनौती देने की कोशिश है, जिसमें झंडा जलाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा माना गया था। ट्रम्प ने अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी से कहा है कि वे ऐसा मामला खोजें, जिससे इस पुराने फैसले को पलटा जा सके। बताया जाता है कि दो महीने पहले लॉस एंजिलिस में प्रदर्शनकारियों द्वारा अमेरिकी झंडा जलाने और मेक्सिकन झंडे लहराने के बाद ट्रम्प खासा नाराज हुए थे।
कैशलेस बेल को लेकर ट्रम्प का कहना है कि यह व्यवस्था अपराधियों के लिए बहुत नरमी वाली है और कानून-व्यवस्था पर असर डालती है। उन्होंने पाम बोंडी को निर्देश दिए हैं कि उन राज्यों और शहरों की पहचान की जाए, जहां यह व्यवस्था लागू है और वहां केंद्रीय फंड रोकने या समाप्त करने पर विचार किया जाए। इस आदेश में राजधानी वाशिंगटन डी.सी. पर विशेष ध्यान दिया गया है। वॉशिंगटन में दशकों से कैशलेस बेल लागू है, जहां कुछ मामलों में आरोपियों को बिना जमानत रकम जमा किए छोड़ दिया जाता है। हालांकि एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2024 से जनवरी 2025 के बीच जिन आरोपियों को रिहा किया गया, उनमें से केवल 3% को ही दोबारा गिरफ्तार किया गया और उनमें से किसी पर भी हिंसक अपराध का आरोप नहीं था। अमेरिका में बेल की व्यवस्था हर राज्य और अदालत के हिसाब से अलग-अलग है, लेकिन संविधान यह साफ कहता है कि किसी भी आरोपी को दोषी साबित होने से पहले निर्दोष माना जाएगा।