कानपुर न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने अवैध निर्माण पर नकेल कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पहले औद्योगिक क्षेत्रों में किसी भी अवैध निर्माण को ध्वस्त करने या सील करने के लिए मुख्यालय से अनुमति लेनी पड़ती थी। अब नए आदेश के बाद यह अधिकार क्षेत्रीय प्रबंधक को दे दिया गया है। यानी अब वे अपने स्तर पर ही सीलिंग और तोड़फोड़ की कार्रवाई कर सकेंगे। वहीं पार्क, पटरियों और सार्वजनिक भूमि पर कब्जा होने की स्थिति में कार्रवाई का अधिकार वरिष्ठ प्रबंधक सिविल को सौंपा गया है।
प्रदेश में यूपीसीडा के कुल 154 औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें से करीब 34 औद्योगिक क्षेत्रों को पहले नगर निगम को सौंपा गया था, जहां से टैक्स वसूला जाता था। लेकिन निगम की ओर से मेंटिनेंस और बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं किया गया। इसकी वजह से उद्यमी लगातार परेशान थे। अब इन औद्योगिक क्षेत्रों को यूपीसीडा ने फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया है।
जब इन क्षेत्रों का सर्वे कराया गया तो कई जगह अवैध कब्जे और निर्माण सामने आए। पुराने नियमों के तहत मुख्यालय से अनुमति लेने में देरी होने के कारण कार्रवाई अटक जाती थी। इसी समस्या को देखते हुए प्राधिकरण ने नए आदेश लागू किए हैं, ताकि मौके पर ही कार्रवाई की जा सके और अवैध निर्माण पर तुरंत रोक लग सके।
1976 के गजट के अनुसार, पहले मुख्यालय को ही अवैध निर्माण सील करने और कब्जे हटाने का अधिकार था। अब नए आदेश में साफ कहा गया है कि अगर किसी भूखंड पर स्वीकृत मानचित्र से अलग निर्माण किया गया है, तो क्षेत्रीय प्रबंधक तुरंत उसे सील और ध्वस्त कर सकेंगे। वहीं रोड, नाली, पार्क जैसी सार्वजनिक संपत्ति पर हुए कब्जे को हटाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ प्रबंधक सिविल और प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक सिविल की होगी।