22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। इस आतंकी हमले में 26 भारतीय टूरिस्टों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में गुस्से की लहर फैल गई है। भारत ने हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ बताया है और उसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
बॉर्डर पर तनाव, युद्धाभ्यास तेज
हमले के बाद से ही भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर है। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं और लगातार युद्धाभ्यास कर रही हैं। भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “फ्री हैंड” दिए जाने के बाद सीमाओं पर हलचल और भी तेज हो गई है। एलओसी (LoC) पर भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई जारी है।
वहीं पाकिस्तान ने भी अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है। अरब सागर में अपने समुद्री क्षेत्र में पाकिस्तानी नौसेना अभ्यास कर रही है, और देश ने अपना एयरस्पेस भी सैन्य अभ्यास के लिए बंद कर दिया है। भारत ने जवाबी कदम उठाते हुए पाकिस्तान के लिए अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है।
पाकिस्तान कर रहा मिसाइल परीक्षण की तैयारी
इन सबके बीच, टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान इस सप्ताह सतह से सतह पर मार करने वाली एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है। यह परीक्षण ऐसे समय पर किया जा रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इससे पहले 25 अप्रैल को भी पाकिस्तान ने एक गुप्त मिसाइल परीक्षण किया था, जिसकी जानकारी तब सार्वजनिक नहीं की गई थी।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि भारत सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, और इसलिए पाकिस्तान भी अपनी सेनाओं को पूरी तरह तैयार कर रहा है। मिसाइल परीक्षण को इसी सैन्य तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है।
संघर्ष विराम उल्लंघन और भड़काऊ बयान
पाकिस्तान न केवल सैन्य अभ्यास में जुटा है, बल्कि एलओसी पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन भी कर रहा है। सिर्फ सात दिनों में पाकिस्तान 50 से अधिक बार सीजफायर तोड़ चुका है, जिससे सीमा पर बसे भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में पड़ी हुई है। इसके साथ ही पाकिस्तानी नेताओं की ओर से लगातार भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं और भारत को "मुंहतोड़ जवाब" देने की धमकियां दी जा रही हैं।
भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले को एक "क्रॉसिंग द रेड लाइन" करार दिया है। भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह के द्विपक्षीय संबंधों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को बेनकाब करने की रणनीति अपनाई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि आतंकी गतिविधियों की जड़ पर चोट करेगा। रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सैन्य प्रमुखों के साथ लगातार बैठकें चल रही हैं, जिनमें रणनीतिक विकल्पों पर चर्चा हो रही है।
नौसेनाओं की सक्रियता और अरब सागर पर फोकस
भारत और पाकिस्तान की नौसेनाएं भी अरब सागर में पूरी तरह से सक्रिय हैं। भारत की पश्चिमी नौसेना कमान ने युद्ध की स्थिति को देखते हुए समुद्री निगरानी और गश्त बढ़ा दी है। पाकिस्तान की नौसेना भी समुद्री सीमा के भीतर अभ्यास कर रही है, जिससे दोनों देशों के बीच समुद्र में भी टकराव की आशंका जताई जा रही है।
भारत का बदला लेने का संकल्प
22 अप्रैल को हुए हमले में मारे गए 26 टूरिस्टों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सरकार ने इस हमले को एक सुनियोजित आतंकी कार्रवाई बताया है, जिसके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के पुख्ता सबूत हैं। भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि अब न तो बातचीत होगी और न ही कोई समझौता — केवल कार्रवाई होगी। एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने 8 दिनों की जांच में कई अहम सुराग भी जुटाए हैं, जो पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय हालात बेहद संवेदनशील हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के रिश्ते युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। पाकिस्तान की मिसाइल टेस्टिंग की तैयारी और एलओसी पर बढ़ती गतिविधियां स्थिति को और तनावपूर्ण बना रही हैं। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि भारत कब और कैसे अपने वादे के अनुसार "सख्त जवाब" देगा।