मुंबई, 01 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ पूर्व मानसेवी शिक्षक अरुण शर्मा तपती धूप में दंडवत करते हुए कुलपति निवास से जीवाजी विश्वविद्यालय तक पहुंचे। रास्ते में उन्होंने सड़क पर लेटकर लुढ़कते हुए भी यात्रा की। विश्वविद्यालय पहुंचने के बाद उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से भ्रष्टाचार का मटका फोड़ा और मुंडन करवाकर विरोध दर्ज कराया। अरुण शर्मा ने कहा, जेयू अब भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। न तो कोई कुछ देख रहा है, न ही किसी की सुनवाई हो रही है। इसी कारण मुझे ऐसा प्रदर्शन करना पड़ा।
आपको बता दें, जीवाजी विश्वविद्यालय में मान्यता के नाम पर लगातार घोटाले उजागर हो रहे हैं। इस बार विश्वविद्यालय ने 416 निजी कॉलेजों को संबद्धता दी है, जिनमें कुल 1 लाख 80 हजार छात्र दर्ज हैं। हैरानी की बात यह है कि इन 416 कॉलेजों में सिर्फ 14 में ही प्राचार्य नियुक्त हैं और छात्रों को पढ़ाने के लिए कुल मिलाकर केवल 31 प्रोफेसर हैं। इस अनियमितता को लेकर पूर्व मानसेवी शिक्षक डॉ. अरुण शर्मा ने मोर्चा शुरू किया है। वह सबसे पहले कुलपति निवास पहुंचे, जो कि जीवाजी विश्वविद्यालय से करीब 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। वहां से वे कड़कड़ाती धूप में सड़क पर दंडवत करते हुए और बीच-बीच में लुढ़कते हुए विश्वविद्यालय परिसर तक पहुंचे। अधिकारियों के ऑफिस के सामने भ्रष्टाचार का मटका तोड़ा। मटके पर एक आकृति बनी थी जो इंसान जैसी थी, जिस पर भ्रष्टाचार लिखा हुआ था। इसके अंदर से कई ऐसे पत्र निकले। जिसमें भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। इसके बाद अरुण शर्मा ने जीवाजी यूनिवर्सिटी में अपना मुंडन कराया।