कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर-उन्नाव-लखनऊ के बीच ट्रेन यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों को कोरोना के बाद से लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 से पहले इस रूट पर 14 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती थीं, जो गंगा घाट, मगरवारा, सोनिक, अजगैन, जैतीपुर, कुसुंबी, हरौनी, पिपरसंड, अमौसी और मानक नगर जैसे छोटे स्टेशनों के यात्रियों के लिए सुविधाजनक थीं। लेकिन महामारी के दौरान इन ट्रेनों को बंद कर दिया गया, और अब केवल चार पैसेंजर ट्रेनें ही चल रही हैं, जिनमें झांसी-लखनऊ पैसेंजर भी शामिल है। इनमें से कुछ प्रमुख ट्रेनें, जैसे कानपुर से फैजाबाद (अयोध्या कैंट) और कानपुर से बनारस जाने वाली ट्रेनें पूरी तरह बंद कर दी गई हैं।
उन्नाव के जिला दैनिक यात्री संघ के जिलाध्यक्ष मुर्तजा हैदर रिज़वी ने कहा कि मेमू ट्रेनें गरीब, किसान और मजदूरों के लिए लाइफलाइन की तरह थीं, क्योंकि इन ट्रेनों से सस्ती यात्रा होती थी, जो छोटे स्टेशनों के यात्रियों को जोड़ती थी। लेकिन अब सिर्फ तीन ट्रेनें चल रही हैं, और एक्सप्रेस ट्रेनें छोटे स्टेशनों पर नहीं रुकतीं। रिज़वी ने मांग की है कि कोविड-19 के दौरान बंद की गई सभी मेमू ट्रेनों को फिर से शुरू किया जाए, ताकि दैनिक यात्रियों को राहत मिल सके।
वर्तमान में, कानपुर-लखनऊ के बीच केवल कुछ सीमित ट्रेनें चल रही हैं, जैसे 64203, 64211, 64255, और 51814 झांसी पैसेंजर। इससे पहले इस रूट पर कई अन्य ट्रेनें भी चलती थीं, जिनमें लखनऊ से कानपुर, कासगंज, और अन्य स्टेशनों के बीच की पैसेंजर ट्रेनें शामिल थीं। अब यात्रियों को इन सीमित ट्रेनों में सफर करना पड़ रहा है, जिससे उनकी यात्रा और भी मुश्किल हो गई है।