नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खतरनाक स्तर को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार, 16 दिसंबर को घोषणा की कि प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने के लिए 18 दिसंबर, गुरुवार से दिल्ली के बाहर से आने वाले वाहनों पर सख्त पाबंदियां लागू होंगी। इस नियम के तहत, अब दिल्ली के बाहर से सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को शहर में प्रवेश की इजाजत होगी जो BS-VI (भारत स्टेज-VI) उत्सर्जन मानदंडों का पालन करती हैं।
यह फैसला दिल्ली की हवा को साफ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सवाल उठता है कि यह नियम इतना जरूरी क्यों है और यह प्रदूषण को कम करने में कैसे मदद करेगा? इसका सीधा संबंध वाहनों से निकलने वाले हानिकारक उत्सर्जन और BS-VI तकनीक की उन्नत शुद्धता से है।
क्या है BS-VI तकनीक?
शुरुआत में, BS का मतलब है ‘भारत स्टेज’। ये भारतीय नियामक संस्थाओं (Regulatory Bodies) द्वारा निर्धारित उत्सर्जन नियम मानक (Emission Regulation Standards) हैं। वहीं, 'VI' रोमन अंक में छह (6) को दर्शाता है। यह संख्या जितनी अधिक होती है, भारत स्टेज के उत्सर्जन मानदंड उतने ही सख्त होते हैं। इसका मतलब है कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए इन मानदंडों को पूरा करना अधिक मुश्किल (और महंगा) हो जाता है, लेकिन पर्यावरण के लिए यह उतना ही बेहतर होता है।
BS-VI को अपनाना, जो सीधे BS-IV से लागू किया गया, दुनिया के सबसे सख्त उत्सर्जन मानदंडों में से एक है।
BS-IV से BS-VI कैसे अलग है?
मौजूदा BS-IV और नए BS-VI मानदंडों के बीच मुख्य अंतर ईंधन और उत्सर्जन की शुद्धता में है:
दिल्ली सरकार का यह फैसला शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण को सीधे तौर पर कम करने का लक्ष्य रखता है। BS-VI वाहनों की अनुमति देकर, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बाहर से आने वाले वाहन भी न्यूनतम संभव प्रदूषण फैलाएं, जिससे राष्ट्रीय राजधानी की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। यह देखना होगा कि यह प्रतिबंध दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर कितना प्रभाव डालता है। क्या आप जानना चाहेंगे कि BS-VI उत्सर्जन नियमों को लागू करने में भारत ने किन चुनौतियों का सामना किया है?